अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
ना पैसे की तामझाम, ना ट्रेनों का भाग दौड़ होगा
हर दिन अवकाश होगा, कामो का ना मतभेड होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
बच्चों की फौज होगी,आरएसएस का कैम्प होगा
विपिन की समीक्षता होगी,कोडवा धारान खेल होगा।
महुवारिया में होरहा लगेगी, हर बच्चा मटर चोर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
बथुआ की साग होगी ,माँ के हाथों का भोज होगा
कौड़े की मंडली होगी,दोस्त वहाँ हर एक होगा
अभय, प्रदीप, धमेंद्र,शुभम, नीरज और साथ में संतोष होगा
कागज की बीड़ी होगी, फिर सबका नोक झोक होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
जय अंबे की दुकान होगी ,गानो का न कोई रोक होगा
हीरो की बाइक होगी सेहरी,पथरा ,बांसी सब एक होगा
सदलू को कटिंग चाय, बेगम के अंडे का रैक होगा
सुबह को ठंडी ठंडी शीत होगी,दोपहर को धूप होगा
आलू की भुड़कारी होगी, पुईरे का जलता ढेर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
रात को रजाई में बदन होगी, सुबह में आलस्य से देर होगा
चिंता न काम की होगी, न जिंदगी से कोई बोर होगा
10,12 के एग्जाम होंगे, सुबह सुबह बच्चों का शोर होगा
जुटेंगे चिन्टूआ के टंकिया पे,जब शाम गदाबेर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
अभय के सवाल होंगे,संतोष का शरारत का होगा
शुभम की कहानी होगी,नीरज के जोक्स,प्रदीप का रेरह होगा
गाँव में हुड़दंग होगी, बगीचे में चप्पल चोर होगा
घर पे ताश होगी,मचीश के पत्तो वाला फिर खेल होगा
विकास के बहुसैला में पिल्लो का बहुत सारा ढेर होगा
पुल पे रोज शाम होगी,पोखरिया पे रोज सबेर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा-Neeraj MauryaDon’t copy me…..
ना पैसे की तामझाम, ना ट्रेनों का भाग दौड़ होगा
हर दिन अवकाश होगा, कामो का ना मतभेड होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
बच्चों की फौज होगी,आरएसएस का कैम्प होगा
विपिन की समीक्षता होगी,कोडवा धारान खेल होगा।
महुवारिया में होरहा लगेगी, हर बच्चा मटर चोर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
बथुआ की साग होगी ,माँ के हाथों का भोज होगा
कौड़े की मंडली होगी,दोस्त वहाँ हर एक होगा
अभय, प्रदीप, धमेंद्र,शुभम, नीरज और साथ में संतोष होगा
कागज की बीड़ी होगी, फिर सबका नोक झोक होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
जय अंबे की दुकान होगी ,गानो का न कोई रोक होगा
हीरो की बाइक होगी सेहरी,पथरा ,बांसी सब एक होगा
सदलू को कटिंग चाय, बेगम के अंडे का रैक होगा
सुबह को ठंडी ठंडी शीत होगी,दोपहर को धूप होगा
आलू की भुड़कारी होगी, पुईरे का जलता ढेर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
रात को रजाई में बदन होगी, सुबह में आलस्य से देर होगा
चिंता न काम की होगी, न जिंदगी से कोई बोर होगा
10,12 के एग्जाम होंगे, सुबह सुबह बच्चों का शोर होगा
जुटेंगे चिन्टूआ के टंकिया पे,जब शाम गदाबेर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा
अभय के सवाल होंगे,संतोष का शरारत का होगा
शुभम की कहानी होगी,नीरज के जोक्स,प्रदीप का रेरह होगा
गाँव में हुड़दंग होगी, बगीचे में चप्पल चोर होगा
घर पे ताश होगी,मचीश के पत्तो वाला फिर खेल होगा
विकास के बहुसैला में पिल्लो का बहुत सारा ढेर होगा
पुल पे रोज शाम होगी,पोखरिया पे रोज सबेर होगा
अबकी फरवरी में गाँव का मज़ा कुछ और होगा
खोरिया से भग्गोभार तक सुबह में दौड़ होगा-Neeraj MauryaDon’t copy me…..
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