Happy Diwali 2021 In Hindi Kaise manate hain के इस शुभ अवसर (happy moment) पर मै आप सब को इसके इतिहास(History) से रूबरू कराने का पूरा प्रयास करूँगा. अतः आप सब से निवेदन (prayerfully) है कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा (mostely)शेयर करे।
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दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है?
Why and when celebrating Diwali?
दिवाली(diwali) के इस महत्वपूर्ण त्योहार(festival) को मनाने के लिये हिन्दू(hindu) धर्म (religion) के लोग बेहद उत्सुकता पूर्वक इंतजार करते है। ये बहुत ही महत्वपूर्णं त्योहार है, खास तौर से घर के बच्चों के लिये। इसलिये इस निबंध के जरिए हमें अपने बच्चों को दीपावली की महत्ता और इतिहास(history) से रूबरू कराना चाहिए. जिससे उन्हें घर और बाहर इसके अनुभवों का प्रयोग कर सकें।
दीपावली एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध उत्सव है जिसे हर साल देश और देश- विदेश में भी मनाया जाता है। इसे भगवान राम के चौदह साल के वनवास से अयोध्या वापसी के बाद और लंका के राक्षस रावण को पराजित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
भगवान राम की वापसी के बाद, भगवान राम के स्वागत के लिये सभी अयोध्या वासियों ने पूरे उत्साह(excitement) से अपने घरों और रास्तों को दींपो से सजा दिया। यह एक पवित्र(holy) हिन्दू पर्व है जो “बुराई पर सच्चाई की जीत” के प्रतीक के रुप में मनाई जाती है।
ये पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। अमावस्या के दिन बहुत ही अँधेरी रात होती है। जिसमें दीपक रोशनी फ़ैला ने का काम करती है। वैसे तो इस पर्व को लेकर कई कथाये है लेकिन कहा जाता है कि भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर उनका स्वागत किया था।
बाजारों (market) को बहुत ही शानदार(splendid) तरीके से सजा दिया जाता है। इस दिन बाजारों में बहुत भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर, बच्चों के लिये ये दिन नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है। दीवाली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ बिजली की लड़ियों से रोशन कर देते है।
दिवाली उत्सव की तैयारी(preparation on diwali celebration)
दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है एक दूसरे को बधाइयां देते है। बच्चे खिलौने और पटाके खरीदते है, दिवाली के कुछ दिन पहले से ही घर में साफ़ सफाई शुरू हो जाती है। लोग अपने घर का सज-सज्जा करते है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है।
देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों (good manners)को अपनाते है।भारत के कुछ जगहों पर दिवाली को नया साल की शुरुआत माना जाता है।
धनतेरस (Dhanteras)
दीपावली के दिन आने वाले है लेकिन दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है| जो दीपावली से दो दिन पहले आता है, धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घर के दरवाजे( main gate)के पास दीया जलाते है और नया बर्तन या चांदी या नये समानो की खरीददारी करते हैं |
उपसंहार(Postscript )
दीपावली, हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह महापर्व, अंधेरी रात को असंख्य दीपों की रौनक से प्रकाशमय कर देता है।
दीवाली सभी के लिये एक खास उत्सव है क्योंकि ये लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इससे “बुराई पर अच्छाई की जीत” के साथ ही नया सत्र की शुरुआत भी होती है। दीपावली, प्रकाश का पर्व या दूसरा नाम जश्न ए चिराग आदि नामों से पुकारा जाने वाला यह पर्व प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।
यह पर्व लगातार पांच दिनों तक मनाया जाता है, धनतेरस से शुरुआत होती है और भैयादूज तक रहता है । वास्तव में यह त्यौहार हमें अपने मन को प्रकाशित करने का संदेश देता है।
मैं #किशन श्रीवास्तव तहे दिल उन सब को जो मुझे और मेरे जिगरी दोस्त #नीरज मोर्या को हमारी साइट ज्ञानटापरी पर फालो कर रहे है उनको धन्यवाद कहता हूं.