चन्द्रमा(Moon)
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Moon |
आपने चाँद के बारे में जरूर सुना होगा कि,चाँद बहुत ही खूबसूरत है ,और यह रात को बहुत ही प्यारा दिखाई देता है। पर ऐसा कुछ भी नहीं है। हाँ चाँद रात को बहुत खूबसूरतदिखता है, पर वास्तव में वह खूबसूरत नहीं है । चंद्रमापृथ्वी का मात्र एक उपग्रह है,और यह सौरमंडल का पांचवा सबसे बडा उपग्रह है।
हमारे पृथ्वी से सबसे नजदीक उपग्रह यह चाँद हमसे करीब 384365 किलोमीटर दूर है। चन्द्रमा में खुद का प्रकाश नहीं है, और यह सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होती है। यह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करके पृथ्वी पर भेजती है। चंद्रमाके परावर्तित प्रकाश को पृथ्वी पर पहुँचने में 1.3 सेकंड लगता है।
चाँद का वजन -81 अरब टन क्षेत्रफल -लगभग अफ्रीका के क्षेत्रफल जितना तापमान -अधिकतम 180 डिग्री सेल्सियस ,न्यूनतम -153 डिग्री सेल्सियस धरती के आकर का – 27%पृथ्वी से दिखने वाला हिस्सा -59%
चाँद की उत्पत्ति–
क्या आपने कभी सोचा है कि जिस चाँद को हम रात में एक निगाह लगाकर, हम लोग देखते रहते है, आखिर उसकी उत्पति कैसे हुई । तो में आपको बता दूँ कि करीब4.5 बिलियन साल पहले पृथ्बी की उत्पत्ति के बाद थिया नामक ग्रह और हमारे पृथ्वी के बीच एक जोरदार टक्कर हुई, जिसके बाद थिया और और पृथ्वी का मलबा बिखर गया ,और पृथ्वी का परिक्रमा करने लगा धीरे–धीरे यह मलबा एकत्रित हुआ और चाँद का निर्माण हुआ।
हमारे आंतरिक्ष यात्रियों ने जो चाँद से पत्थर के टुकड़े लाये थे उसके जाँच से पता चलता है कि पृथ्वी और चन्द्रमा की उम्र में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है। चंद्रमाके चट्टानो में टाइटेनियम की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है।
क्या कोई चाँद पर रहता है
अक्सर हम लोग सोचते है कि शायद चाँद पर कोई न कोई तो जरूर रहता होगा,पर ऐसा नहीं है चाँद पर जीवन नामुमकिन है क्योंकि यहाँ का मिट्टी ही हमारे रहने योग्य नहीं है। यहाँ के तापमान में काफी उतार चढ़ाव रहता है।चन्द्रमा की सतह पर धुल के काफी कड़ इधर–उधर मंडरातेरहते हैं। और चंद्रमाका दूसरा भाग जहाँ पर एकदम घोर अँधेरा है।
अगर आप चाँद से आसमान को देखोगे तो आपको डार्क दिखेगा। चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी काफी कम है यहाँ का गुरुत्वाकर्षण 1.62m/s square है। यदि आप इस गुरुत्वाकर्षण में कुछ वक़्त गुजर लेंगे, तो आप पृथ्वी पर खुद को कमजोर महसूस करेंगे।
हमसे दूर होता जा रहा है चाँद
हमको रात के अंधेरो में रोशनी देने वाला चाँद हमसे प्रतिवर्ष 3.8 सेमी दूर होता जा रहा है। भले ही यह दूर आपको कम लगे ,लेकिन ऐसे ही यदि चाँद हमसे दूर जाता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा की चाँद आंतरिक्ष में कही खो जायेगा।
चन्द्रमा पर मिशन–
चाँद के बारे में जानने की लालसा सबको है, इसलिये कई सारे देशो ने चाँद पर कई सारे आंतरिक्ष यान को भेजे। कुछ मिशन सफल हुये तो कुछ विफल। चन्द्रमा पर पहले अमेरिका ने पायनियर आंतरिक्ष यान को 17 अगस्त सन 1958 लांच किया। लेकिन यह बिफल रहा। इसके बाद पायनियर-1 11 अक्टूबर 1958 को लांच किया, यह भी विफल रहा। इसके बाद अमेरिकाने पायनियर 2,पायनियर 3,पायनियर 4 लांच किया पर सब विफल रहे। इसके बाद मानो जैसे की चाँद पर मिशन की होड़ लग गई थी। सोवियत संघ ने चाँद के लिए अपना पहला मिशन लूना -1 2 जनवरी सन 1959 को लांच किया ,इनका यह मिशन भी विफल रहा।
इसके बाद सोवियत संघ ने लूना-2, लूना-3 भी लांच किया, दोनों ही सफल रहे। इसके बाद नासा ने कई सारे आंतरिक्ष यान को लांच किया जिसमें से कुछ सफल हुए– रेंजर-7, रेंजर-8,रेंजर-9,सर्वेयर-1, चंद्र आर्बिटर-2,चंद्र आर्बिटर-3, सर्वेयर-3, चंद्र आर्बिटर-4, एक्प्लोरर-35,चंद्र आर्बिटर-5, सर्वेयर-5, सर्वेयर-6, सर्वेयर-7, अपोलो-8, अपोलो-10, अपोलो 11, अपोलो-12, अपोलो-14, अपोलो-15, पीएफ़एस-1, अपोलो -16, पीएफ़एस-2, अपोलो-17, एक्प्लोरर-49, मारिनेर-10, क्लेमेंटिन, चंद्र पूर्वेक्षक, एलक्र्स, इबीबी, फ्लो, चंद्र वातवरण और धूल वातावरण एक्प्लोरर।
इसके अलावा सोवियत संघ ने भी कई सारे मिशन किये जिसमे से कुछ सफल तो कुछ विफल रहे। इनके कुछ सफल आंतरिक्ष यान इस प्रकार हैं– जौंड-3, लूना-9, लूना-10, लूना-12, लूना-13, लूना-14, जौंड-5, जौंड-7, लूना-16, जौंड-8,लूना-17, लूना-19, लूना-20, लूना-21, लूना-22, लूना-24।
इसके अलावा भारत ने चंद्रयान-1 को लांच किया जो एक ही बार में सफल रहा इसके बाद मून इम्पैक्ट प्रोब लांच किया गया यह भी सफल रहा। इसके बाद भारत ने चंद्रयान– 2 लांच किया जो दुर्भाग्य से विफल रहा।
जापान,चीन,ऐशा, ने भी कई मिशन चाँद पर भेजे जिसमे कुछ सफल तो कुछ विफल रहा। इसमें से जापान के कुछ सफल मिशन इस प्रकार है– हिटेन, काग्यू, ओकिना, ओना।
ऐशा का एक मिशन है जो सफल रहा– स्मार्ट-1 ।
इसमें चीन के कुछ आंतरिक्ष यान है जो सफल रहे– चांग ई-1, चांग ई-2 ।
चाँद पर प्रथम कदम
चाँद पर सबसे पहले कदम रखने वाले आंतरिक्ष यात्री का नाम नील आर्मस्ट्रांग था। नील अपोलो-11आंतरिक्ष यान से 20 जुलाई सन 1969 को चाँद पर पहला कदम रखे थे। इनके साथ आंतरिक्ष यात्री एडविन एल्ड्रिन भी थे। नील ने करीब तीन घंटे तक चाँद पर चहल कदमी की। आर्मस्ट्रांग ने 38 साल की उम्र में चाँद पर कदम रखा था।